rafale deal controversy live updates dassault mediapart reliance defence | LIVE राफेल विवाद: मीडिया रिपोर्ट में दावा
दसॉल्त एविएशन ने मीडियापार्ट के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। उसने इस बारे में एक बयान जारी किया है।
Dainik Bhaskar
Oct 11, 2018, 09:41 AM IST
Live Update
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09:35 AMदसॉल्त ने दी सफाई
दसॉल्त एविएशन ने मीडियापार्ट के दावों को खारिज करते हुए सफाई दी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक दसॉल्त ने कहा- हमने स्वतंत्र रूप से भारत के रिलायंस ग्रुप को साझीदार के तौर पर चुना। दसॉल्त रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड के साथ राफेल और फॉल्कन 2000 बिजनेस जेट्स के पुर्जे बनाएंगे।Dassault Aviation clarified that it had “freely chosen” India’s Reliance Group for a partnership to set up joint-venture DassaultReliance Aerospace Ltd (DRAL) to manufacture parts for Rafale aircraft and Falcon 2000 business jets
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— ANI Digital (@ani_digital) October 11, 2018
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09:28 AMआखिर विवाद क्या?
इस समझौते में राफेल विमानों के रख-रखाव का जिम्मा भारत की कंपनियों को सौंपा जाना है। इसी के तहत दसॉल्त एविएशन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के साथ समझौता किया। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि दसॉल्त ने खुद तकनीक के ट्रांसफर की आशंका के चलते एचएएल के साथ समझौते से इनकार कर दिया था।
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09:27 AMकांग्रेस का आरोप क्या
राफेल सौदे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह डील महंगी है और इसमें घोटाला हुआ है। राहुल गांधी का आरोप है कि मोदी के कहने पर ही रिलायंस को राफेल डील में दैसो कंपनी का साझेदार बनाया गया।
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09:27 AMसरकार ने क्या कहा?
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और न्यायिक रूप से इसकी समीक्षा नहीं की जा सकती।
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09:27 AMसरकार को नोटिस नहीं
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने साफ कहा है कि वह सैन्य बल के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय नहीं देना चाह रहे। बेंच ने कहा, ‘‘हम सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता से संतुष्ट होना चाहते हैं। अदालत को विमान की कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए।’’
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09:26 AMसुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से फ्रांस के साथ हुई राफेल एयरक्राफ्ट डील पर जवाब मांगा। केंद्र से पूछा कि सरकार ने कैसे राफेल डील की, इसके बारे में पूरी जानकारी 29 अक्टूबर तक सीलबंद लिफाफे में दी जाए। इस संबंध में एक जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इस पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।